अनूप/कोरबाः प्रकृति का नैतिकता गणित से कैसे स्थिरता? यह सवाल है, लेकिन बच्चों की अभिरुचि को विकसित करना और उनकी सोच को बढ़ाना जरूरी है। शेखमुडी के हाई स्कूल में बनाए गए गणित गार्डन से छात्रों को काफी फायदा मिल रहा है।
पाठ्यक्रम में विषय को शामिल करना ही सब कुछ नहीं है, बल्कि नई सोच के साथ छात्रों की समझ का आधार बढ़ाना और उन्हें समस्याओं से मुक्त करने की जिम्मेदारी भी शामिल है। कोरबा जिले के बने अहामुडी सरकारी स्कूल में विशेष रूप से गणित को लेकर डॉक्टर को दूर करने के लिए सिविल ने इस प्रकार की कोशिश की है।
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यहां तैयार किए गए गणित गार्डन में सिक्के, आयत और वृत्त के शीर्ष के साथ-साथ कई प्रकार की वस्तुएं शामिल की गई हैं। जिले का यह एक अलग स्कूल है जहां बच्चों के साथ इस तरह की कोशिशें नए तरीकों से की जा रही हैं। छात्रों ने स्वीकार किया कि गणित निश्चित रूप से कठिन विषय है, लेकिन यहां जो फार्मूला मिला है, उसे सीखने और समझने में काफी मदद मिल रही है और वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। स्कूल परिसर में पहले से ही गार्डन था, यह कैसे अच्छा किया जाए, इसके लिए इलेक्ट्रानिक्स के सान्निध्य में कुछ ना कुछ चल रहा था। विद्यालय में इतिहास की अध्यापिकाएँ और प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रभा गुप्ता ने बताया कि प्रकृति के बच्चों के साथ मिलकर उन्हें अच्छी शिक्षा दी जा सकती है। इस विचार से यहां पर कोशिश की गई. गणित के मामले में गणित गार्डन काफी अच्छा चल रहा है और इसके परिणाम उत्साहवर्धक हैं।
इको क्लब का इस योजना पर काम
प्रकृति के साथ बच्चों के लिए आसानी से गणित सीखना, इसके लिए गार्डन की कहानियों को पत्रिका, आयत और वृत्त की रूपरेखा प्रदान की गई है। रोपे गए प्रमाणित में गणित के फॉर्मूले को लटका दिया गया है। इन विद्यार्थियों को गणित के साझीदार को समझने के साथ-साथ अपने विषय के प्रयोग को हल करने में काफी सहूलियत हो रही है। गणित के शिक्षक प्रभात साव ने बताया कि इको क्लब से इस योजना पर हमने काम किया है और अभी बहुत कुछ करना बाकी है। गणित गार्डन के बच्चों को गणित के प्रति आकर्षित करने के साथ-साथ प्रकृति के प्रति भी वैज्ञानिक बनाना जारी है। यह एक ऐसा प्रयास है जो बच्चों को भविष्य की तैयारी में मदद करेगा।
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पहले प्रकाशित : 28 फरवरी, 2024, 18:22 IST
