अनूप/कोरबाः- हम अपने शरीर के बाहरी अंगों को देखते हैं और पूरी तरह से उनका ध्यान रखते हैं। बाकी सभी तरह से हमारे कान भी शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं। इसके बावजूद हम वैज्ञानिक ध्यान नहीं देते, बल्कि विविधता से उन्हें नुक़सान पहुंचाते रहते हैं। कान में दर्द, सूजन, संक्रमण, कान में दर्द, कान में खून निकलना, कान में दर्द होना, कान में दर्द होना, कान में दर्द होना, कान में दर्द होना आदि शामिल हैं। सेकी की सेहत पर ध्यान देना जरूरी है। वर्ल्ड हायरिंग डे पर हमारे नाक, कान एवं ग्लास रोग विशेषज्ञ डॉ. ब्लुश भट्ट से बातचीत की।
डॉ. ब्लूटूथ भट्ट ने बताया कि इन लोगों के गाने सुनने के लिए मैड्रिड की सेहत को भूल जाते हैं, ईयर फोन या हेडफोन में शामिल सबसे ज्यादा आवाज में गाने मिलते हैं। ईयरफोन या हेडफोन में बंद आवाज में गाना या गेम बंद होने से नुकसान हो सकता है। यदि आपके वर्षों के फोन में तेज आवाज में गाना रिकॉर्ड है, तो यह आपके कान के परदे और नास को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे आपकी सुनने की क्षमता कम हो सकती है। लगातार चौथाई साल तक फोन या हेडफोन इस्तेमाल करने से कान मे रेगुलेटर आता है और इस संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
समस्या का समाधान कैसे करें
डॉक्टर ब्लुश भट्ट ने बताया कि ज्यादातर छोटे बच्चों में कान की समस्या देखने को मिलती है। इस समस्या से कालातीत इलाज के लिए कान रोग विशेषज्ञ के पास लोग हैं। उन्होंने बताया कि ज्यादातर मामलों में कान में कोई संक्रमण नहीं होता है। इस समस्या का कारण यह होता है कि जब बच्चे के पिता दूध पीते हैं और मां उसे दूध पिलाती है तो उसे दूध नहीं मिलता, तो बच्चों के मुंह तक दूध पहुंच जाता है और वहां संक्रमण होने लगता है। इससे बच्चों के कान की समस्या उत्पन्न होती है। इसका सरल उपाय यह है कि जब भी बच्चा दूध पिए, तो उसे एक बार जरूर पिलाएं।
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ना करें यह कृपया
अधिकतर हेडफोन लगाना, इयरबर्ड या उंगली को कान में लगाना, कान में संक्रमण या अन्य क्षति हो सकती है। कान की मजबूती ऐसी है कि अंदर का गंदा स्वयं ही बाहर दिखता है। इसलिए ईयरबर्ड्स का उपयोग बाहर के दांतों से भी अंदर की और चला जाता है। ईयरबर्ड्स के इस्तेमाल से कई बार कान के अंदर की त्वचा में संक्रमण भी हो सकता है। इसके अलावा कई बार नाक में हवा का अत्यधिक दबाव, कान का मेल, साइनस का संक्रमण, कान में ठंडा या पानी जाना, नाक में किसी अन्य माध्यम से सफाई करना और अंदरुनी चोट के कारण नुकसान पहुंच सकता है।
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पहले प्रकाशित : 2 मार्च, 2024, 20:07 IST
