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देश का अनोखा मामला: इस राज्य में हुआ बड़ा खेल, एक कंपनी का संस्थापक बना तोड़-फोड़, अब मची तबाही


आकाश शुक्ला, रायपुर। प्रदेश के 28 हजार ईसा पूर्व इन दिनों छत्तीसगढ़ राज्य सचिवालय के विरोध में उतर आए हैं। यह विरोध इसलिए है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने स्टेट काउंसिल काउंसिल में एक कंपनी के संस्थापक को झटका दिया है। काउंसिल का होने के लिए शीट की डिग्री होना आवश्यक है, लेकिन नियुक्त व्यक्ति के पास संबंधित कोई डिग्री नहीं है। अनुभव, योग्यता और योग्यता को मापने वाले शासन के इस टुकड़े को लेकर हजारों कलाकारों का गुस्सा बढ़ रहा है। इस संस्था को प्रशिक्षित करने के लिए उपयुक्त व्यक्ति को स्ट्रेटेजी बनाने की मांग कर रहे हैं।

इस मामले की अनदेखी को देखते हुए इंडियन एसोसिएशन एसोसिएशन ने भी स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी महल और स्वास्थ्य सचिव रेनू पिल्ले को पत्र लिखा। पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य सचिवालय में कंपनी के 28 हजार पंजीकृत शेयरधारक बेहद खराब हैं। स्वास्थ्य एवं कल्याण परिवार मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर मेमोरियल के कंपनी के संस्थापक को चकमा दिया गया है। यह पूरे देश में अनोखी घटना है। जिसमें प्लांट को सॉलिड कर कंपाउंडर को तीन बड़े पैड पर लगाया गया है।

ऐसे हुए नियम
शीट लॉ “एजुकेसन रेगुलेशन एक्ट 1991” के अनुसार कम से कम डी मेडिसिन की डिग्री के लिए एमबीबीएस का पंजीकरण अनिवार्य है। काउंसिल ऑफ इंडिया ने कई बार एशियाड राज्य के बारे में जानकारी दी है। कम से कम डी दवा के लिए स्टेट शीट रसायन के स्ट्रेच पैड का होना आवश्यक है। साथ ही इस पैड के लिए बी दवा अहार्ताधारी को प्राथमिकता दी जाएगी। इंडियन एसोसिएशन एसोसिएशन (आईपीए) ने अपर मुख्य सचिव रेनू पिल्ले से मुलाकात कर किसी एसोसिएशन को प्रशिक्षित करने और पूर्व कंपनी में कंपनी के संस्थापक पदनाम देने के लिए एसोसिएटेड ऑर्डर को निरस्त करने की मांग की है।

रेस्तरां का पूरा सच
टेलीकॉम के स्टेट कॉर्डिनेटर वैभव शास्त्री का कहना है कि छत्तीसगढ़ स्टेट टेलीकॉम काउंसिल में रजिस्टर का पद लंबे समय से खाली था। इसके सैकड़ों सहयोगियों का नामांकन लंबे समय से नहीं हो रहा था। 4000 से अधिक फ़र्ज़ी फर्मों के मामले की जांच भी अटकी हुई है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने काउंसिल के स्ट्रेटेजी पद के लिए आवेदन पत्र जारी किया। इस आवेदन में कई आदिवासियों ने आवेदन किया। लेकिन अधिकारियों की आपत्तियों की वजह से भेदभावपूर्ण व्यक्ति को स्ट्रेटेजी बना दिया गया।

स्वास्थ्य मंत्री ने कही जांच
पूरे मामले में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी मंडल का कहना है कि यह विषय गंभीर है। रचनात्मक व्यक्ति का मालिक है. अगर किसी तरह से इंडस्ट्री में कारोबार हुआ है तो मामले की जांच की जाएगी।

टैग: छत्तीसगढ़ खबर, रायपुर समाचार



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