कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा के रविवारी इलाके में रहने वाले पुलिस आरक्षक विकास केशरवानी को गिरफ्तार पुलिस ने जेल में बंद कर दिया है। आरोप है कि पुलिस आरक्षक ने एक लड़की के साथ लगातार 8 साल तक का दैहिक शोषण किया। इतना ही नहीं सगाई करने के साथ ही अपने परिवार के सदस्यों के साथ पैसे भी मांगे थे, लेकिन वह शादी से मुकर गई। इसके बाद केस ने एक लिखित याचिका एसपी से की थी। इसके बाद पुलिस ने राजनंदगांव में सामुद्रिक निरीक्षक को गिरफ्तार कर लिया। मामले में सिविल लाइन पाइपलाइन पुलिस कंपनी के खिलाफ कई धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।
26 वर्षीय विकास कुमार केशरवानी बुधवारी बाजार के निवासी हैं। वह राजनांदगांव के गोदामजी कैंप में आरक्षक के पद पर हैं। उसने सिविल लाइन ऑटोमोबाइल क्षेत्र में रहने वाली एक लड़की को प्रेमजाल में फंसाकर शपथ पत्र के माध्यम से विवाह अनुबंध भी किया। आरोप है कि 8 साल के लोग आपस में संबंध बना रहे हैं। उसने दो बार जबरदस्ती उसका गर्भपात भी कराया। अब उसका पल्ला साफ हो रहा है.
पुलिस ने की गिरफ्तारी
मामले में कोराबा पुलिस कप्तान सिद्धार्थ तिवारी से दैहिक शोषण, जबरिया में गर्भपात के संबंध में याचिका दायर की गई। फ़ास्ट का कहना है कि 2016 में उनके पिता बाज़ार में गुपचुप और चाट का ठेला लगाकर लोगों की जान ले लेते थे। वह जब भी अपने पिता के साथ चैट करने के लिए ठेले पर पैसे लेने गई तो विकास कुमार केसरवानी उसके आगे पीछे घूम गए। अपना मोबाइल नंबर पेपर में मुझे लिखा दिया था। उस समय वह बेरोजगार थी। उनकी उम्र साढ़े 17 साल थी.
फ़ास्ट का कहना है कि विकास कुमार केशरवानी ने उन्हें अपने प्यार के जाल में फ़ास्टकर प्यार का ड्रामा करने लगा। इस बीच अनुबंध के तहत विवाह भी कर लिया गया है। 8 साल तक रिलेशनशिप में रहने के बाद अब उन्होंने धोखा दिया है। हॉस्टल कर उसका छात्रावास बनाया गया। दुष्ट का कहना है कि पुलिस में नौकरी पाने के बाद ही उसने उसे धोखा देने की कोशिश की थी। भूत ने मामले में धोखा देने वाले रक्षक पर कार्रवाई की मांग की थी।
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पहले प्रकाशित : 7 मार्च, 2024, 12:22 IST
