मोरे मौर्य
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ की हाईप्रोफ़ाइल सीट बिलासपुर का चुनावी इतिहास बेहद दिलचस्प है। कांग्रेस-भाजपा प्रमुख अनौपचारिक में 7 बार कांग्रेस तो 7 बार भाजपा चुनावी जीत है। केवल एक बार मिली बेचैनी तो एक बार लोकदल की चिंता को जीत थी। 4 बार नोमान चुनाव में जीत कर मुंगेली जिले के भाजपा नेता पुबजायलाल मोहले ने पार्टी की जमीन तैयार की थी। उनके पहले कांग्रेस के रेशमलाल जांगड़े, भाजपा के लाखनलाल साहू और अरुण साव मुंगेली जिले में रहने वाले और चुनाव में रहने वाले अल्पसंख्यक बने। इस बार भी भाजपा ने मुंगेली जिले के साहू समाज के नेता और पूर्व विधायक तोखन साहू का नाम तय किया है। बिलासपुर लोकसभा सीट एक महत्वपूर्ण सीट है। यह सीट भाजपा के गढ़ के रूप में जानी जाती है।
बिलासपुर विपक्ष सीट का 3 बार परिसीमन हुआ है। आरंभ में यह सामान्य वर्ग के लिए था। इसके बाद इसमें बदलाव करते हुए इसे श्रेणी वर्ग के रूप में पेश किया गया। वर्ष 2009 में इसे एक बार फिर सामान्य किया गया। साल 1996 से इस सीट पर बीजेपी का कब्ज़ा था. साल 1996 से 2004 के बीच 4 बार नोम चुनाव में बीजेपी के पु नहनूलाल मोहले यहां से न्यूनतम रहे। मोहले के नाम कॉन्स्टेंटिनोपल इलेक्शन का कीर्तिमान भी रखा जा रहा है। उनके बाद बीजेपी के दिग्गज नेता दिलीप सिंह जूदेव चुनावी मैदान में उतरे. वर्ष 2009 में जूदेव राजवंशी बने।
बिलासपुर सीट का इतिहास
बिलासपुर से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजित जोगी की पत्नी डॉ. रेनू जोगी को ऑफिस बनाया गया था। साल 2014 के चुनाव में बिलासपुर सीट राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में फिर सफल हुई। पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न स्व. अटल बिहारी ईसा मसीह की भतीजी करुणा शुक्ला को कांग्रेस ने यहां से उम्मीदवार बनाया था। सर्वाधिक के अंतर से चुनाव हरण का कीर्तिमान करुणा के नाम पर रखा जा रहा है। एक लाख 75 हजार शेयर के अंतर से वे भाजपा के एक सामान्य कार्यकर्ता लाखनलाल साहू चुनाव हार गए।
तब मिले देश के साथ ही बिलासपुर लोकसभा सीट पर भी पीएम मोदी की लहर का जोर दिखाई दिया था. यही कारण है कि 2019 में न्यूनतम लक्ष्मण साहू का टिकट जारी किया गया, जिसमें वर्तमान संघ के करीब माने जाने वाले अरुण साव को अल्पसंख्यक समुदाय बनाया गया। अरुण साव ने रिकॉर्ड 141763 में अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से अटलाश्विर को हराया था। यहाँ प्रत्येक वर्ग की बहुलता है। इसमें भंडारी और कुर्मी की सूची सबसे अधिक है। इब्राहीम यादव भी प्रभावशाली भूमिका में हैं। बिलासपुर समाजवादी क्षेत्र में दो जिले बिलासपुर और मुंगेली को शामिल किया गया है।
बिलासपुर जंक्शन क्षेत्र के अंतर्गत 8 प्रमुख भाग आते हैं। बिलासपुर जिले में 6 सीट बिलासपुर, बिलहा, बेलतरा, मस्तूरी, कोटा और तखतपुर तो वहीं मुंगेली जिले की दो सीट मुंगेली और लोरमी सीट शामिल हैं। विधानसभा चुनाव में 8 से 6 पर बीजेपी तो वहीं कोटा और मस्तूरी विधानसभा में कांग्रेस ने जीत हासिल की है. 2019 सुपरहीरो सूची के अनुसार 18 लाख 76 हजार 953 रुपये है। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 53 हजार 659 है वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 9 लाख 23 हजार 203 है।
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पहले प्रकाशित : 7 मार्च, 2024, 11:07 IST
