रायपुर. हाल ही में जारी लेपर्ड एस्टिमेशन 2022 रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ के टाइगर रिजर्व में युवाओं की संख्या कम हो गई है। इसे लेकर रायपुर के मशहूर प्रेमी नेपोलियन सिंघवी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है। सिंघवी ने पत्र में लिखा है कि इसे चुनौती स्थिति माना जाए और तुरंत कार्रवाई की जाए। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने प्रदेश में अनुमान (एस्टीमेट) के आधार पर रिपोर्ट जारी की है। लेकिन, टाइगर रिजर्व में कैमरे के आधार पर गणना और अनुमान लगाया जाता है। इसके अनुसार, छत्तीसगढ़ के तीन टाइगर रिजर्व में 2018 की तुलना में टेन्डों की संख्या 55% कम हुई है।
साल 2018 में तीर्थनगरी रिजर्व में 240 खिलौने थे, जो साल 2022 में 107 बचे थे। चार वर्षों में जो संख्या शावकों के बड़े होने से बढ़ी, उनका अनुमान लगाया गया तो संख्या में भारी कमी हो गई। उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व में कैमरे के आधार पर गणना और अनुमान के अनुसार वर्ष 2018 में 95 और वर्ष 2022 में 28 ज्वालामुखी पाए गए, इस प्रकार 67 अभिलेख कम हो गए। वर्ष 2018 की तुलना में संख्या में 70% की कमी हो गई। फ्लैशमार टाइगर रिजर्व साल 2018 में 87 स्टॉक थे. ये साल 2022 में 76 हो गए. इस तरह की संख्या में 13% की कमी हो गई.
टाइगर पर भी बढ़ा खतरा
इसी तरह इंद्रावती टाइगर रिजर्व में साल 2018 में 58 स्टॉक थे, जो साल 2022 में 3 बचे थे. यहां सीधे-सीधे 55 तेंडों की कमी हो गई। साल 2018 की तुलना में यह कमी 95% है। वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार इंद्रावती टाइगर रिजर्व में रैंकिंग के दौरान एक भी लेपर्ड का प्रमाण नहीं मिला। फोटोग्राफर प्रेमी नेपोलियन सिंघवी ने पत्र में लिखा है कि कैमरे पर आधारित टाइगर एस्टिमेशन के अनुसार वर्ष 2018 में तीरथ टाइगर रिजर्व में 9 बाघ थे। उदंती सीता टाइगर रिजर्व में 5, उदंती सीता टाइगर रिजर्व में 1 और इन्द्रावती टाइगर रिजर्व में 3 बाघ थे। साल 2022 की रिपोर्ट में टाइगर रिजर्व में संयुक्त संख्या 7 हो गई। इसके अनुसार, अचानकमार टाइगर रिजर्व में 5, उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व में 1, इंद्रावती टाइगर रिजर्व में 1 बाघ बचा है। इस तरह की घटना 22% कम हो गई.
टाइगर रिजर्व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की शर्मसार करने वाली रिपोर्ट
नेशनल टाइगर रिजर्व अथॉरिटी की ‘मैनेजमेंट इफेक्टिवनेस इल्यूएशन ऑफ टाइगर रिजर्व इन इंडिया 2022’ रिपोर्ट के अनुसार, देश के 51 टाइगर रिजर्व में संबंध के अनुसार इंद्रावती टाइगर रिजर्व 50वें, उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व 48वें और अल्ट्रामार टाइगर रिजर्व 39वें स्थान पर हैं। पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में टाइगर रिजर्व में युवाओं की संख्या में अचानक हुई कमी का मुख्य कारण वन विभाग का आवास और शिकार है। उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व कांकेर और दक्षिण छत्तीसगढ़ के लिए शिकार का हॉट स्पॉट बना हुआ है।
जंगल में नहीं शाकाहारी शाकाहारी जानवर
पूर्वोत्तर में मांसाहारी जीवों के लिए शाकाहारी जानवर नहीं बचे हैं। इसके कारण जंगल से निकलकर बाहर की ओर देखने को मिलते हैं। यहां उनका शिकार हो रहा है, मानव-टेंडुओं का मित्रत्व भी बढ़ रहा है। धमतरी के डी फोमा ने लेदर रहवास क्षेत्र में शाकाहारी डेयरी का बेस बनाने की सोची थी। इसके लिए उन्होंने जू से वहां हिरण व्यापारी की मांग की थी। यहा मांग मुख्यालय में बैठे अधिकारियों ने अनसुनी कर दी.
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पहले प्रकाशित : 8 मार्च, 2024, 11:44 IST
