सौरभ तिवारी/बिलासपुरः कहते हैं कि अगर सात्विक मन से किसी काम को करने की इच्छा हो और उसे लेकर मेहनत की जाए तो कहीं भी नामुमकिन नहीं होता। चाहे पुरुष हो या महिला, इसे कहीं भी प्राप्त किया जा सकता है। इस बात की मशहूर जागती मिसाल है बिलासपुर की रहने वाली शिल्पी केडिया, स्कॉर्पियो महिला पुरुषों के सेक्टर में काम शुरू हुआ। न सिर्फ काम को जोखिम बल्कि आज एक एस्टेब्लिशड कांट्रेक्टर हैं।
कांट्रेक्टिंग और टेंडर से जुड़े काम को दुनिया में पुरुषों के साथ ही जोड़ कर देखा जाता है, लेकिन बिलासपुर की रहने वाली शिल्पी केडिया ने इस भ्रम को न सिर्फ स्ट्रक्चर बनाया बल्कि महिलाओं के लिए भी नई राह बनाई। शिल्पी केडिया इलेक्ट्रॉनिक्स के उद्यमियों का उत्साह बढ़ाने वाली एकमात्र महिला उद्यमी हैं।
उन्होंने बताया कि अपनी पढ़ाई और योग्यता के बल पर रेलवे में सिग्नल और टेलीकॉम्युनिकेशन के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अपनी नई जर्नी की शुरुआत के लिए उन्होंने इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शुरुआत की। आज इस प्रोजेक्ट से करीब 500 लोगों को रोजगार मिल रहा है।
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12 साल अमेरिका में
शिल्पी ने बताया कि अपनी इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद शिल्पी ने करीब 12 साल तक अमेरिका के लास वेगास की प्रतिष्ठित कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद तक काम किया, लेकिन उनके मन में हमेशा एक ही मकसद बाकी था, कि उन्होंने अपना असल योगदान दिया अपने देश और अपने शहर के मजदूरों को देना है। अमेरिका से अपने शहर वापसी के बाद शिल्पी ने अपने नए कार्य की शुरुआत की।
इंडिपेंडेंट टैलेंट ने काम किया
शिल्पियों का कहना है कि अमेरिका से वापस आने के बाद उन्होंने देखा कि यहां के श्रमिकों का वेतन कम है और साथ ही उनकी टिप्पणियां भी बेहद कम हो गई हैं। कर्मचारियों की छुट्टी ली गई, टाइम लाइन के हिसाब से काम न करना जैसे चुनौती को देखते हुए उन्होंने कर्मचारियों को नौकरी पर रखा और प्रोफेशनल बनाने का काम शुरू किया। बस फिर क्या था समय के साथ-साथ उनकी कला और प्रतिभा का काम तेजी से बढ़ने लगा। आज शिल्पी रेलवे में इलेक्ट्रॉनिक्स के टेंडर हैं और उनकी कंपनी का करोड़ों का टर्नओवर है।
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पहले प्रकाशित : मार्च 11, 2024, 16:55 IST
