ओपीपी/सोपानकोरबा. आधुनिकता के इस युग में गंभीर गंभीर बीमारियों का इलाज भी संभव है, लेकिन हर वर्ग के लिए सस्ता इलाज कराना हर किसी की बस की बात नहीं है। खासकर शरीर के किसी अंग का ऑपरेशन कराने पर लाखों रुपये का खर्च आता है। इस मामले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आम लोगों के लिए गौरव की बात हो रही है। यहां स्थैतिक अस्थि रोग विशेषज्ञ की टीम ने करीब आधे घंटे की संकट के बाद एक महिला के फूल का प्रत्यारोपण किया। इस ऑपरेशन में पांच रुपये खर्च हुए, जिससे परिवार को भारी राहत मिली।
दरी क्षेत्र में रहने वाले श्याम लाल चौहान अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। श्याम लाल का परिवार सीमित दायरे के बाद भी बेहद खुश था। उनकी पत्नी और उनके जीवन परिवार के सभी सदस्य हंसी-खुशी छुट्टियां बिता रहे थे, लेकिन कुछ महीने पहले ही उनकी खुशी पर नजर पड़ गई। धर्मशाला में हाल ही में हुई गंभीर बीमारी का पता चला है। पत्नी की तबीयत खराब होने पर श्याम लाल भी चिंतित हो गए। वह अपने स्तर पर चिकित्सीय उद्यम कर रहे थे, लेकिन स्वास्थ्य सुधार के बजाय गिरावट आई। आख़िरकार, श्याम लाल अपनी पत्नी को लेकर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए। जहां ग्रेडियल अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. ईसाई दिवान ने महिला के स्वास्थ्य का निरीक्षण किया।
सफल हुआ ऑपरेशन
इस दौरान उन्हें यूरोप में खतरनाक बीमारी होने की पुष्टि हुई, एक्स-रे सहित अन्य परीक्षण किए गए। उन्होंने परिवार को पूरे से अलग तरीके से पेश किया। महिला के कूल्हे का प्रत्यारोपण जरूरी था। इसका इलाज निजी या फिर किसी अन्य अस्पताल में करीब दो से अधिक लाख रुपये का खर्च हो सकता है, इस खर्च को परिवार के लिए उठाना संभव नहीं था। उनके अध्ययन से डॉ. दीवाना ने अधिष्ठाता डॉ. अवास्तविक प्रयोगशाला.
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परिवार में ख़ुशी का माहौल
प्रबंधन की ओर से हरी एसोसिएशन की बैठक के बाद अस्थि रोग विशेषज्ञ ने ऑपरेशन के लिए साड़ी की तैयारी कर ली है। उनकी टीम में तीन पदाधिकारियों के अलावा अन्य कर्मचारी शामिल थे। महिला का ऑपरेशन शुरू. ऑपरेशन के बाद टीम ने महिला के कूल्हे को पूरी तरह से बदल दिया। खास बात तो यह है कि कुछ दिन चले इलाज के बाद महिला के फिर से चलने की बात भी हो गई है। जिस परिवार की ख़ुशी का कोई मतलब नहीं है. डॉ. विद्वानों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनने के बाद कई गंभीर चुनौतियों का इलाज संभव हो सकता है। यहां अस्थि से संबंधित विभिन्न बैचलर का ऑपरेशन किया जा रहा है। अगर कुल्हा सर्जरी की बात करें तो कुल चार ऑपरेशन हुए थे, जो पूरी तरह से सफल हुए हैं। इस ऑपरेशन के लिए निजी या महानगरीय लोगों के परिवारों को दो लाख से अधिक खर्च करना पड़ सकता था।
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पहले प्रकाशित : मार्च 11, 2024, 15:03 IST
