मो.इकराम/धनबाद. नामांकित बीमारी को लेकर लेबल जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही किसी भी परिस्थिति में परिदृश्य के रोगी की बैठक में उसके प्राकृतिक उपचार के लिए एसएनएमएमसीएच में अलग से वार्ड तैयार किया गया है। जहां 4-4 पुरुषों और महिलाओं के बिस्तर अलग-अलग बताए गए हैं। इस बारे में डॉ. सिविल इंजीनियरिंग ने बताया कि किस प्रकार की बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। हालांकि सचिवालय जिले में लेआउट के एक भी मरीज की पुष्टि नहीं हुई है।
आम तौर पर मेड एडिज़ इज़िप्टी मच्छर के टुकड़े से बनी मूर्ति है। ये खास तरह के मच्छर होते हैं, जहां शरीर पर चीते जैसी धारियां पाई जाती हैं। ये मच्छर शैतान पर सुबह के समय काटे जाते हैं। ग्रेड की तरह मलेरियल, चिकनगुनिया मच्छर से होने वाली आम तौर पर बैक्टीरिया के दिनों और उसके बाद के महीने यानी जुलाई से अक्टूबर के बीच में तेजी से फैलती हैं। सिविल सर्जनों ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आपके आस-पास साफ पानी इकट्ठा नहीं होने दे।
मूल्यांकन के लक्षण
सिविल सर्जन डॉक्टर चंद्र भानु प्रताप ने बताया कि चंचल मौसम में कई तरह की बीमारियां अपना शिकार बनाती हैं। जैसे विनाशकारी, मलेरिया आदि। इन मौसमों में मच्छर बहुत तेजी से बढ़ते हैं। यही कारण है कि इस सीजन में ओके से प्रोविजन नहीं रखा गया है तो रेगुलेशन, चिकनगुनिया या मलेरियल जैसे गंभीर रोग तेजी से पैर पसारने लगते हैं। असल में, मच्छर से वाली बीमारी में तेज बुखार, डायरिया, मतली, उल्टी की समस्या होती है। लेकिन कुछ मामलों में सरलता भी हो सकती है। बुख़ार के अंतिम भाग में हल्का बुखार, शरीर पर दाने, सिरदर्द, मसाले और जोड़ों में दर्द शामिल हैं।
संक्रामक रोग का वर्गीकरण क्या है?
सिविल सर्जन डॉक्टर चंद्र भानु प्रताप ने बताया कि जो चित्रांकन से पीड़ित होता है। उसके शरीर में काफी मात्रा में रेखित वायरस पाया जाता है। इसके अलावा जब किसी एडिज़ास्मट के मरीज़ को काटा जाता है तो उसका खून भी चूसता है। इसके बाद जब यह मच्छर किसी स्वस्थ्य विशेषज्ञ को काटता है, तो उसकी भी व्याख्या हो जाती है। मच्छर के काटने से उसके शरीर में भी वायरस पहुंच जाता है। वह अपने चित्रण से भी चित्रण करता है। चित्रण, चित्रण के रोगी से हाथ मिलाने, साथ में बैठने या उसके मुंह से या नाक से पकड़ने वाले पात्रों के बीच जो चित्रण नहीं करता है। लेकिन जैसा कि दूसरे तरीके से तैयार किया गया है, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैला हुआ है, इसलिए इसे संक्रामक रोग ही माना जाता है।
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पहले प्रकाशित : 26 अगस्त, 2023, 18:27 IST
