उत्तर
शरीर में बेड का लेवल किसी भी समय ठीक नहीं होता है, इसका असर गंभीर हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं में बिस्तर क्षेत्र का स्तर बढ़ने से उनके बच्चों में बड़े पैमाने पर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है।
मां का हाई कोलेस्ट्रॉल बच्चे के लिए खतरनाक: अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत अनुपात से शरीर में बेड लेवल की शुरुआत ठीक नहीं होती है। ये सबसे बड़ा दिल को नुकसान पहुंचाता है. वैसे तो बिस्तर पर जाना किसी भी समय खतरनाक होता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं के मामलों में इसका गंभीर असर हो सकता है। असल में, खोज के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। कभी-कभी ये इनवेस्टमेंट बदलाव ज्यादा प्रभाव नहीं डालते हैं, लेकिन कई बार संभावनाओं का भी सामना करना पड़ता है। सिद्धांत के अनुसार, यदि गर्भवती महिलाओं में बिस्तर स्तर का स्तर बढ़ा हुआ है, तो उनके बच्चों में बड़े होने पर सीरियस हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। इसके लिए जरूरी है कि दुकानों और दुकानों में अन्य वस्तुओं को शामिल किया जाए। आइए संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल दिल्ली की सिंक्रोनाइज़ेशन डॉ. ज्योत्सना देवी यहां जानिए नीलामी में बेड एरिया के बढ़ने के कारण और कौन हो सकते हैं शामिल.
एकल में क्यों बढ़ा है ओले?
प्रैग्नेंसी के शुरुआती 3 महीने के दौरान ही इलाक़े का स्तर बढ़ने लगता है। इसका सबसे बड़ा कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत क्वालिटी है। पोर्टफोलियो के दौरान पोर्टफोलियो और लाइफस्टाइल के कारण ही कई तरह के अपार्टमेंट चेंज होते हैं, जिसकी वजह से ग्रोथ बढ़ती दिख रही है। शरीर पर फैट जमने लगता है, जिसकी वजह से ऑलिव मॉलिक्यूलेशन होता है। इस दौरान शरीर में टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजेन का स्तर इनबैलेंस के कारण उच्च अस्थिरता की समस्या हो सकती है। प्रैग्नेंसी में हाई ओल्ड जैसी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए इनस्टॉल और लाइफस्टाइल का जरूरी होना बेहद जरूरी है।
बाकी ग्रोथ से इन 6 अनुपात में पड़ सकते हैं आप
जेस्टेशनल कर्मचारी: लिस्टिंग के दौरान खुद का खास प्रोविजन रखना बेहद जरूरी है। क्योंकि जब आप फिट टेलीविजन देखते हैं, तब पेट में पल रहा बच्चा भी रहता है। बता दें कि अगर किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है तो जेस्टेल समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि अपनी समग्रता में सुधार करें।
प्रीक्लेम्पसिया: संक्रमण के दौरान ज्यादातर महिलाओं में हाई ब्लड की बढ़ोतरी देखी जा रही है। वास्तविक आईएलएस का सीधा संबंध आपके बढ़े हुए हाई कोलेस्ट्रॉल से होता है। आम तौर पर हाई कोलेस्ट्रॉल ही हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है। इससे प्रीक्लेम्पसिया होने का खतरा भी बढ़ सकता है।
प्रीटरम बर्थ: गर्भावस्था के दौरान खुद से ज्यादा पेट में पल रहे बच्चे की जांच रखना बेहद जरूरी है। इसी समय हाई स्कूल की कई महिलाओं की भी समस्या हो जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण गलत स्थान परिवर्तन है। बता दें कि, उच्च कोलेस्ट्रॉल के दौरान कई बार पहले से ही नीलामी हो सकती है।
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लो बर्थ वेट: तरल पदार्थ के दौरान आपके बच्चों के स्वास्थ्य पर असरदार विशेषताएं दिखाई देती हैं। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं में कोलेस्टॉल बढ़ने की समस्या होती है। असल में, गर्भवती महिलाओं को उच्च स्तर की वृद्धि से पैदा होने वाला बच्चा कम वजन का होने का खतरा हो सकता है।
बच्चे को दिल की धड़कन: गर्भवती महिला में अवैध बच्चे के लिए घातक हो सकता है। बता दें कि, अगर किसी गर्भवती महिला को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो जन्म के समय दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि खुद की शुरुआत से ही प्रॉपर रखा जाए।
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भ्रूण का विकास रुकना: ट्रायल में ओले बढ़ने से गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास धीमा पड़ सकता है। इसके अलावा, उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण गर्भवती महिलाओं में भी आयोडीन युक्त तनाव का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए फर्म लाइफस्टाइल को अपनाना सबसे आसान उपाय है।
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पहले प्रकाशित : 27 अगस्त, 2023, 12:57 IST
