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करौली में मिले लौह अयस्क के भंडार
केंद्र सरकार से मिली नीलामी की जानकारी
राजस्व के साथ-साथ नये रोजगार का भी विकास क्षेत्र
जयपुर. राजस्थान के खनन क्षेत्र से बड़ा कारोबार सामने आया है। राजस्थान के करौली जिले में आयरन (लौह मस्जिद) के अकूट भंडार के मिलन की पुष्टि हो गई है। माइंस, जिओलोजी व सीईओ विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता के राज्य के करौली में आयरन (लौह मेमोरियल) के अकुट भंडार को देखते हुए केंद्र सरकार से चार ब्लॉकों के कंपोजिट लाइसेंस के लिए नीलामी की मंजूरी भी मिल गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के खनन क्षेत्र के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। करौली के इन चारों ब्लॉक में गुणवत्ता युक्त लौह अयस्क होने से देश और प्रदेश में स्टील उद्योग की कोख को पूरा किया जाएगा।
गुप्ता ने बताया कि प्रारंभिक खोज में करौली के हिंडौन तहसील के खोहरा, डेडरोली, टोडपुरा और लिलोटी में 1888.33 हेक्टेयर में लौह के विशाल भंडार मिले दबे होने के संकेत हैं। केंद्र सरकार की ओर से इन ब्लॉकों की नीलामी की तैयारी शुरू करने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि विभाग सितंबर माह में भारत सरकार के ई-पोर्टल पर नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर देगा।
खनिज मंत्री ने बनाया कार्टून
खान और गोपालन के मंत्री रामू जैन भाया ने करौली में आयरन के अकुट भंडार में उत्साह व्यक्त किया है। मंत्री जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश में खनन, वाॅलक्स के योजनाबद्ध एक्सप्लोरेशन और ब्लॉक की तैयारी कर नीलामी के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। निदेशक मानस सन्देश के अनुसार नायक के करौली के हिंडौन तहसील में शास्त्रीय भिन्नताओं में आयरन, हेमेटाइट तथा मेगनेटाइट के संकेत मिले हैं जो स्टील के लिए उपयोगी हैं। एक मोटे अनुमान के आधार पर इन चारों ब्लॉकों में एक हजार मिलियन टन से अधिक की डिपोजिट होने की संभावना है।
रोजगार और राजस्व के नये अवसर प्राप्त होंगे
खनिज विभाग के निदेशक संदेश नायक ने बताया कि स्टील के लिए रॉ माल देश-दुनिया के स्टील बाजारों में राजस्थान के नाम की प्रमुखता से उभरने के लिए उपलब्ध है। इसके अलावा प्रदेश में स्टील उद्योग के लिए नए उद्यमियों के साथ ही रोजगार और राजस्व के नए अवसर विकसित हो गए। खोहरा में 462.30 हेक्टेयर, डेडरोली में 754.38 हेक्टेयर, टोडपुरा में 260. 71 हेक्टेयर और लिलोटी में 410.94 हेक्टेयर में मिट्टी के चार ब्लॉक तैयार हो चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा इन ब्लॉक्स के कंपोजिट लाइसेंस के लिए ई-प्रदर्शनी की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
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पहले प्रकाशित : 29 अगस्त, 2023, 18:59 IST
