टोक्यो. चीन और जापान के बीच एक बार फिर से तल्खी हल्दी दिख रही है। जापान ने कहा है कि फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र से प्रशांत महासागर में पानी छोड़ने के बाद चीन ने कई बार खतरनाक खतरनाक फोन कॉल का भुगतान किया है। जापान ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि चीन का ऐसा व्यवहार हो रहा है। वहीं टोक्यो में चीनी दूतावास का कहना है कि वह भी जापान से काफी स्ट्रॉयल कॉल आ रहे हैं।
बता दें कि जापान ने फुकुशिमा प्लांट को बंद करने की दिशा में कदम रखते हुए यहीं पर पानी का कारोबार शुरू किया था। यह प्लांट 2011 में सुनामी की राजधानी में आया था, जिसके बाद से ट्रिपल मेल्टडाउन का सामना करना पड़ रहा था, जो 25 साल पहले चेरनोबिल के बाद सबसे वैज्ञानिक परमाणु दुर्घटना थी।
दोनों देशों का एक दूसरे पर इल्ज़ाम
सरकार के मुख्य प्रवक्ता, मुख्य वामपंथी सचिव हिरोका ज़ू मात्सुनो ने एक नियमित पत्रकार सम्मेलन में कहा, ‘ऐसा लगता है कि चीन की तरफ से जापान को बहुत खतरनाक वाले फोन कॉल आ रहे हैं… ये घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं और हम चिंतित हैं।’ जापान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के फोन पर उप विदेश मंत्री मसाताका ओकानो ने चीनी राजदूत को समान करने के लिए मजबूर किया।
वहीं सोमवार को नियमित ब्रीफिंग में चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। हालांकि टोक्यो में चीनी दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा कि जापान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों को ‘जापान से बड़ी संख्या में उपद्रवी कॉल’ प्राप्त होने के कारण जापान के सुसंगत मजबूत प्रतिक्रिया दर्ज की गई है। दूतावास के एक बयान के अनुसार, राजदूत वू जियानगाओ ने कहा कि इन कॉल के कारण “दूतावास और वाणिज्य दूतावासों के सामान्य संचालन में गंभीर व्यवधान’ हुआ है।”
वहीं दूसरी ओर जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि आने वाले समय में एक जापानी स्कूल और दूतावास में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सरकार ने बीजिंग से अपने नागरिकों से ‘शांति और जिम्मेदारी’ के साथ काम करने का आग्रह किया है। था.
चीन से कॉल की रक्तस्राव
शहर के एक अधिकारी ने बताया कि फुकुशिमा सिटी हॉल में गुरुवार को चीन देश के कोड +86 से कॉल आना शुरू हो गया और अगले दिन ऐसे फोन कॉल की संख्या 200 से अधिक हो गई, जिससे फोन जाम हो गए और शहर के कर्मचारी के सामान्य काम बाधित हो गया. उन्होंने कहा, उसी दिन प्लांट उत्तर-पश्चिम में 60 किमी (38 मील) शहर के प्राइमरी और जूनियर हाई स्केन को इसी तरह की 65 कॉलें मिलें। एक शोधकर्ता ने कहा कि, ‘आप प्रशांत महासागर में समुद्री पानी क्यों छोड़ रहे हैं, आप किस समुद्र तट के लिए हैं?’ वहीं घरेलू मीडिया ने कहा कि अन्य नगर पालिकाओं, व्यापारियों और रेस्तरांओं को भी ऐसी कॉलें मिल रही हैं।
चीन में भी जापानी स्कूल पर विदेशी
वहीं जापान के महावाणिज्य दूतावास के अनुसार, गुरुवार को चीन के तटीय शहर किंगदाओ में जापानी स्कूल पर पथराव किया गया। हालाँकि किंगदाओ में हुई घटना और ध्वजारोहण कॉल के बारे में पूछे जाने पर, चीनी विदेश मंत्री के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने विदेशियों को सुरक्षित रूप से रखने के लिए चीन के रिकॉर्ड का संरक्षण किया। वांग ने कहा, ‘चीन हमेशा कानून के अनुसार चीन में विदेशी नागरिकों की सुरक्षा और वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करता है।’
चीन ने जापान के जलीय वास्तुशिल्प पर प्रतिबंध लगा दिया
फुकुशिमा प्लांट कंपनी टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर (9501.टी) (टेपको) आइसोटोप को हटाने के लिए सीमेंट के पानी को फिल्टर कर रही है, जिसमें केवल ट्रायमट बच रहा है, जो कि एक धार्मिक रेडियो आइसोटोप है जिसे अलग करना मुश्किल है। इसके बाद चीन ने कहा कि जापान ने यह साबित नहीं किया है कि पानी सुरक्षित रहेगा और जापान के सभी जलीय मॉडलों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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पहले प्रकाशित : 28 अगस्त, 2023, 23:13 IST
