Homeछत्तीसगढ़नई राजधानी का रेलवे मुख्यालय 85 वर्ष पुराना, अब एयरपोर्ट जैसा

नई राजधानी का रेलवे मुख्यालय 85 वर्ष पुराना, अब एयरपोर्ट जैसा


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विपणन भुसावल, नागपुर, गोंदिया, बिलासपुर, राउरकेला और खड़गपुर जैसे प्रमुख शहरों में शामिल है
यहां से रोजाना 47967 यात्रियों का मार्गदर्शन होता है

नई दिल्ली। हावड़ा-नागपुर-मुम्बई रेल लाइन का रजिस्ट्रेशन वाला यह रेलवे स्टेशन एक राजधानी का मालिक है, जो इस लाइन का प्रमुख रेलवे मुख्यालय है। स्थापत्य का निर्माण तो अधिकतर पुराना नहीं है लेकिन स्मारक की इमारत 85 साल पुरानी है। हालाँकि इसमें यात्रियों की ज़रूरतों के अनुसार बदलाव किए गए हैं, लेकिन इस तीर्थयात्रा से यात्रा करने वालों के लिए अच्छी खबर है, इसमें पुनर्विकास हवाईअड्डे के रूप में काम किया जा रहा है। यानि भविष्य में जब लोग इस प्रतिमान से यात्रा करने जाएंगे तो दर्शन क्रांति-बदला देखने आएंगे।

यहां पर हम बात कर रहे हैं कि साल 2000 में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की बनी। यह भारत में प्रमुख मराठा-नागपुर-मुंबई रेल लाइन में से एक है, जिसमें मद्रासवाल, नागपुर, गोंदिया, बिलासपुर, राउरकेला और खड़गपुर जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। इस स्टेशन की इमारत का निर्माण 1938 में हुआ था। कभी-कभी देश के अन्य हिसांस में शिलालेखों के लिए लेबलेशन की सलाह दी जाती थी, लेकिन आज राज्य की राजधानी होने की वजह से यहां से रोजाना 47967 यात्रियों का मार्गदर्शन होता है।

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रेलवे स्टेशन पुनर्विकास, अमृत भारत स्टेशन योजना,
स्थिर समय ऐसी है वास्तुकला की इमारत।

इन यात्रियों को अमृत भारत प्रमाणन के तहत हवाई अड्डे के रूप में सुविधा प्रदान की जा रही है। एयरपोर्ट में एक ओर से प्रवेश और एक ओर से नामांकन होगा।

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रेलवे मंत्रालय के अनुसार यह प्रतिमान भावविष्णुता में मह सिद्धांत पूर्णता स्थापना और संप्रदाय हब के रूप में विकसित होगा। इसी तरह के नवीनतम संस्करण में इसका निर्माण किया जा रहा है। रेलवे द्वारा बनाई गई 2067 तक की रेटिंग के अनुसार 132696 रोज़ यात्रियों का कोच होगा। 13270 यात्री प्रति घंटे की क्षमता के अनुसार आर्किटेक्चरल बिल्डिंग का विकास किया जा रहा है।

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ये होगा विकास

प्रतिमान की कनालेविटी शहर के दोनों होगी। यहां पर मल फ्लोटी मॉडल बिजनेस हब, डी अस्टांगों के लिए कुत्ता, रूफ प्लाजा, आरके और अनारक्षित यात्रियों के वेटिंग हॉल, यात्रियों की मदद के लिए मॅकमार्क, पंजीकरण और प्रकाशन प्रकाशन के साथ बेहतर कनास लिविटी की जाएगी। 462.94 करोड़ रुपये की लागत मूल्य निर्धारण का पुनर्विकास किया जाएगा, इस परियोजना को स्लोगन की स्वतंत्रता दी गई है।

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