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ठंड, खांसी और आलू में स्वादिष्ट हैं ये औषधियां, इनसे जुड़े हैं धार्मिक सिद्धांत, जानें इनके महत्व और फायदे


लक्षेश्वर यादव/जांजगीर चांपा. तुलसी का पौधा तो सभी जानते हैं कि यह सभी घरों में पाया जाता है और घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगा रहता है। इसकी प्रतिदिन प्रातः-शाम की पूजा भी की जाती है। घर में लगा तुलसी का पौधा सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के नजरिए से भी बेहद माना जाता है। आयुर्वेद में इसे एक आभूषण माना गया है। आइए जानें आयुर्वेदिक डॉक्टर से कैसे करें इसका इस्तेमाल दवा के रूप में और इससे कौन-कौन से आयुर्वेदिक उपचार किया जा सकता है।

आयुर्वेद डॉक्टर फणींद्र भूषण आश्विन ने बताया कि आयुर्वेद में तुलसी का बहुत महत्व है। पहले तो इसे धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता था और इसे घर के आंगन में एक पौराणिक परंपरा माना जाता था, जिस पर प्रतिदिन प्रातः-शाम पूजा की जाती थी। इसके अलावा, तुलसी का पर्यावरण के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वहां इसे बनाए रखने से वायु का पर्यावरण शुद्ध होता है। उन्होंने बताया कि तुलसी का उपयोग गले में खराश, नाक, खांसी, दमा जैसी औषधि के रूप में किया जा सकता है।

रोज़ाना पेट तुलसी
तुलसी की होने वाली रोज़मर्रा की खाली पेट पबकर खाने की दुकान से व्यक्ति को तनाव मुक्त में मदद मिलती है और पेट एसोसिएटेड सेन्ट्रल होता है। तुलसी के पत्ते का उपयोग औषधि के रूप में किया जा सकता है, जैसे कि काढ़ा पीना या चाय में गुटका लिया जा सकता है। इसके अलावा, बाजार में तुलसी से बनी जड़ी-बूटियाँ भी उपलब्ध हैं, जिन्हें आप अपने चिकित्सक की सलाह और निर्देशानुसार उपयोग कर सकते हैं।

टैग: छत्तीसगढ़ समाचार, खाना, स्वास्थ्य, स्थानीय18



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