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अन्य खाद्य पदार्थों में विटामिन की कमी न होने दें, अन्य बीपी, शुगर के बढ़ने का खतरा, हड्डियाँ भी चटकेंगी, ऐसे करें उत्पादन


विटामिन डी की कमी से बढ़ता है मधुमेह का खतरा: विटामिन हमारे शरीर का महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जिसके बिना हमारी रोजमर्रा का काम नहीं चल सकता। विटामिन हमारे शरीर के मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया में भागदार रहते हैं जिससे हमारे शरीर में ऊर्जा उत्पन्न होती है और हम इस ऊर्जा के कारण जीवित रहते हैं। हमारे शरीर में 13 तरह के विटामिन होते हैं। सभी विटामिनों का अपना-अपना महत्व है लेकिन विटामिन डी बेहद महत्वपूर्ण है। विटामिन डी मसल्स, हड्डियां और ओवरऑल स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि अगर शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो इससे उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूरज की रोशनी है और पूरे क्षेत्र में सूरज की रोशनी की कमी हो जाती है, इसलिए विटामिन डी की कमी का खतरा ज्यादा रहता है।

विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारी

एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों में विटामिन डी का स्तर सामान्य से कम था, उन लोगों में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ गया था। हालाँकि विटामिन डी की कमी से हड्डियाँ फ़्लोरिडा होना आम बात है। इससे बोनफ्रेक्चर का खतरा भी बढ़ जाता है। वहीं विटामिन डी की कमी से ऑस्टियोमेलोसिस, रिकेट्स, मसल्स वीक की कमी बनी हुई है। यहां तक ​​कि दिल पर भी प्रतिकुल असर दिखता है। रिपोर्ट के मुताबिक विटामिन डी का लेवल शरीर में कम होने से ऑटोइम्यून डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा इन सबके अलावा मल्टीपल स्केलेरोसिस और रूमेटोइड ऑर्थराइटिस से भी विटामिन डी की कमी हो सकती है।

अध्ययन में क्या सामने आया?

अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसीन जर्नल में स्टडी के ग्रुप से कहा गया है कि विटामिन डी का स्तर कम होने के कारण मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। वहीं विटामिन डी का संबंध जेशेटेनल सीताफल से भी है। यानि कि भर्ती के दौरान महिलाओं में टाइप 2 विटामिन डी की वजह से भी वृद्धि हो सकती है। लेकिन अगर विटामिन डी की खुराक सही है तो जेशेटेनल सीरप को रोकने में मदद मिल सकती है। अध्ययन प्रकार 2 विटामिन डी का कम स्तर में ग्लाइसेमिक नियंत्रण और डी 3 लेवल के बीच विटामिन डी 3 के माप का आकलन किया गया जिसमें पाया गया कि विटामिन डी का कम स्तर सीधे टाइप 2 विटामिन से प्राप्त हुआ है।

आख़िर में ऐसे पूरा करें विटामिन डी

हालांकि विटामिन डी को प्राप्त करने का मुख्य स्रोत सूर्य की रोशनी है लेकिन इसके अलावा कुछ खाद्य पदार्थों से भी विटामिन डी को प्राप्त किया जा सकता है। सूरज की रोशनी में ज्यादातर देर तक रहने से त्वचा कैंसर का भी खतरा रहता है। इसलिए तर्क यह है कि धूप में जाने से पहले सनस्क्रीन लगा लें या तेल लगा लें। विटामिन डी के लिए अंडा, गैम्बी मछली, टूना, सेलमैन, मैकरल आदि का सेवन करना चाहिए। वहीं, बेजिटेरियन लोगों के लिए अनाज, संतरा, छाछ, सोया पेय का भी लाभ उठाया जा सकता है। इन सबके अलावा मशरूम से भी विटामिन डी प्राप्त किया जा सकता है। मिनरल ब्लड शुगर को भी नियंत्रित किया जाता है। मशरूम से विटामिन ए की कमी भी पूरी होती है.

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