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इन लोगों को नहीं करना चाहिए गिलोय का इस्तेमाल! इम्यूनिटी बूस्टर हो सकता है घातक, जानें स्टैस्ट की राय


हमजोन/सोनामीन: आयुर्वेदिक चिकित्सा (आयुर्वेद) दुनिया की सबसे पुरानी समग्र उपचारों में से एक है। इसे भारत में 3,000 साल पहले भी विकसित किया गया था।आयुर्वेद में प्राकृतिक रूप से मिलने वाली जड़ी-बूटी का प्रयोग किया जाता है, जो शरीर में कई प्रकार के पोषक तत्वों से राहत दिलाने में मदद करता है। आज ऐसे ही एक उपाय हम कर रहे हैं, जिसमें कई प्रकार की बातों के फायदे दूर करने के गुण होते हैं। इस गुणकारी औषधि का नाम है गिलोय, जिसे पाउडर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद में इसका प्रयोग सामान्य स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, बुखार, संक्रमण और मधुमेह सहित कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है।

गिलोय का इस्तेमाल तो लोग सदियों से करते आ रहे हैं लेकिन कोरोना महामारी के दौरान ये मशहूर हो गया. रोग संरचना क्षमता बढ़ाने के गुण होने के कारण अधिकांश लोगों ने इस भयानक बीमारी से अपनी मुक्ति के लिए गिलोय को अपना हिस्सा बना लिया। अभी भी कई लोग इसके आदर्श से अनूठे हैं। आज इसके फायदों के बारे में हम बता रहे हैं, साथ ही इसका सही इस्तेमाल कर रहे हैं और किन लोगों को गिलोय का सेवन नहीं करना है, इस पर भी बात करेंगे।

क्या अधिक सेवन ट्रेडिंग हो सकती है?
उत्तराखंड के आयुर्वेद में आयुर्वेद के विशेषज्ञ आचार्य विजय प्रकाश जोशी ने बताया कि शरीर में बालों से लेकर पैर तक की सभी समस्याओं में गिलोय के इस्तेमाल से फायदा होता है। साथ ही उन्होंने यह महत्वपूर्ण जानकारी दी है कि गिलोय का अधिक सेवन भी किया जा सकता है। सीमित मात्रा में ही इसका उपयोग करना चाहिए।

इन लोगों को नहीं करना चाहिए गिलोय का इस्तेमाल
आचार्य विजय प्रकाश जोशी ने बताया कि अल्ट्रासाउंड और किडनी के संक्रमण से पीड़ित लोगों को इसका सेवन न के बराबर करना चाहिए। रोजाना 10 ग्राम तक इसका सेवन होता है, जिसे लगातार तीन महीने तक लोग इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके अधिक सेवन से शरीर में नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है।

गिलोय क्या है?
गिलोय (टिनोस्पोरा कॉर्डिफ़ोलिया) मूल रूप से भारत में पाया जाता है। यह एक बेल है, जो किसी तन के ऊपर चढ़ती है। इसे आयुर्वेदिक और फोक औषधि में एक आवश्यक पादप पौधा माना जाता है, जिसे लोग कई प्रकार के उपचार के रूप में प्रयोग करते हैं। गिलोय को गुडूची और अमृता भी कहा जाता है. गिलोय शब्द एक हिंदू पौराणिक शब्द है, वहीं संस्कृत में गुडुची का अर्थ है- कुछ ऐसा जो पूरे शरीर की रक्षा करता है और अमृत का अर्थ अमृत है।

गिलोय से हो सकती है ये समस्या
⦁ कब्ज (कब्ज) होने का खतरा
⦁ ब्लड प्रेशर कम हो जाने की समस्या
⦁ अधिक सेवन से दस्त की परेशानी भी हो सकती है
⦁ शरीर का रक्त शर्करा संतृप्त मात्रा में गिर सकता है
⦁ प्रारंभ पर प्रतिकूल प्रभाव

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य बेनिटिट की सलाह, हमारे विशेषज्ञों द्वारा दी गई चर्चा के आधार पर है। यह सामान्य जानकारी है न कि व्यक्तिगत सलाह। हर व्यक्ति की आवश्यकताएं अलग-अलग हैं, इसलिए डॉक्टरों से सलाह के बाद ही किसी चीज का उपयोग करें। कृपया ध्यान दें, लोकल 18 की टीम का किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई उत्तरदायित्व नहीं होगा।

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