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जावित्री-जयफल और लौंग से बने ये लोध गोपाल गजक, दस्त और किडनी की बीमारी के लिए है रामबाण


निखिल स्वामी/बीकानेर. ग्रोथ के साथ-साथ प्रॉफिट के गजक एवं पापड़ी बिजनेस में नजर आने लगी है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में गजक, पापड़ी, रेवड़ी, मूंगफली, खजूर के त्योहारों पर भीड़ लगी रहती है। पारे में आई गिरावट से गजक डिलीवर के काम करने की अवधि में दो गुनी उछाल हो गया है। वहीं ग्राहक भी देर रात तक रुके रहे। ऐसे में एक ऐसी गजक है जो पूरे देश में सिर्फ खोजों में है। हम बात कर रहे हैं जावित्री जयफल से बनी गजक की।

इस गजक को यहां लोध गोपाल गजक भी कहते हैं। क्योंकि इस गजक का उपयोग गोपाल जी के लिए किया जाता है। यह गजक पूरे देश में बिकिनी बनी हुई है। इस गजक सेलेब्रिटी की तीन से चार लाख में बिक्री कर ली गई है। दिग्गज भैराराम सारस्वत ने बताया कि यह गजक लोध गोपाल गजक है। यह खास गजक में जावित्री, जयफल और लौंग भी शामिल है। यह नाश्ते में बहुत स्वादिष्ट और गुणकारी होता है. यह गजक मार्केट में 360 रुपये किलो बिक रहा है। वे प्रतिदिन 30 से 40 किलो गजक बनवाते हैं जो बिकता है। इस गजक को बनाने में अच्छी कारीगरी और अच्छी सफाई आनी चाहिए।

6 घंटे में वापसी की तैयारी होती है गजक
इंजीनियर भाईराम का एक कलाकार 30 से 40 किलों का काम करता है तो उन्हें 6 घंटे का समय लगता है। यह गजक करीब तीन महीने तक बुरा नहीं होता है। यह गजक करीब 40 सागर से बन रही है। यह गजक देश के हर कोने में पाया जाता है।

गजक के ये हैं फायदे
आयुर्वेदिक डॉक्टर अमित अख्तर ने बताया कि खांसी, खांसी और सांस की तकलीफ है तो उनका काफी आराम है और खून नया बना हुआ है। बच्चों के स्वास्थ्य के लिए काफी गुणकारी है। इसके अलावा दस्त, मतली, पेट की ऐंठन और दर्द, और आँतों के वायु विकार के इलाज में मदद मिलती है। इसका उपयोग कैंसर, गठिया, गुर्दे की बीमारी और अनिद्रा के इलाज के लिए भी किया जाता है।

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