उत्तर
कोविड के नए भिन्न भिन्न प्रकार JN.1 के बाद भी कई भिन्न भिन्न आ सकते हैं।
ऐसा भी हो सकता है कि कुछ साल बाद कोविड का असर काफी कम हो जाए.
कोविड19 नया वैरिएंट JN.1: इन दिनों में कोविड के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इसका कारण कोरोना का नया वैरिएंट JN.1 है। यह अलग-अलग तरह का वायरस है और लोगों को तेजी से अपना शिकार बनाना पड़ रहा है। कोरोना वायरस के नए स्वरूप को लेकर लोगों में भी डर का माहौल बन गया है। एक तरफ से भी कई महीनों बाद लोगों को एक बार फिर कोरोना से संक्रमण से बचने की चेतावनी दी जा रही है. असल कोरोना में कोई भी नया अंतर नहीं है, तो उस पर वैक्सीन का असर कम हो जाता है और इसकी वजह से लोग इसे घातक मानते हैं। अज्ञात लोगों के मन में एक सवाल है कि क्या कोविड आने वाले सागर में खत्म हो जाएगा या फिर इसी तरह बीच-बीच में वापसी होगी। इस पर डॉक्टर्स की राय जान लें।
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अनिल बैसाखी के अनुसार वायरस कॉन्स्टेंट म्यूटेट बने रहते हैं और इस कारण से नए भिन्न-भिन्न प्रकार के आते रहते हैं। ऐसे में लोगों को आजादी की जरूरत है. जब लोगों के शरीर में कोई एक वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बन जाता है, तब वायरस अपना स्वरूप बदल लेता है और म्यूटेशन के बाद नया अंतर आ जाता है। कोरोना वायरस का पूरी तरह से ख़त्म होना संभव नहीं है। इसका संकलन और अन्य वायरल फ्लू की तरह सदियों तक चल सकता है। इससे आरक्षण करने में ही लाभ है। हालांकि हो सकता है कि समय के साथ यह मौसमी फ्लू की तरह बन जाए।
नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिवहेल्थ एंड वेलनेस विभाग के निदेशक डॉ. सोनिया रावत कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस हमेशा के लिए खत्म नहीं होगा, लेकिन धीरे-धीरे यह कम हो सकता है। यह प्राचीन काल तक म्यूटेट रहता है, लेकिन लोगों के लिए अधिक घातक नहीं रहता। जैसे लोगों को वर्तमान में फ्लू की वैक्सीन लगाई जाती है, वैसे ही कोविड की वैक्सीन की भी जरूरत पड़ सकती है। भविष्य में इस वायरस से महामारी की आपदा काफी कम है। यह वायरस लोगों को जीवित रखता है, लेकिन बड़े पैमाने पर घातक नहीं होगा। हालांकि लोगों को इससे बचने के लिए जरूरी बचाव का पालन करना ही होगा।
ग्रेटर के फ़ोर्टिस हॉस्पिटल के तकनीकी एवं चिकित्सा विभाग के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार रैना कहते हैं कि कोरोना का वायरस कॉन्स्टेंट म्यूटेंट रहता है और इसमें कई अलग-अलग रूप हैं। कुछ अलग-अलग लोगों के लिए खतरनाक होते हैं, उन्हें अलग-अलग तरह का कंसर्न कहा जाता है। जबकि कुछ अलग-अलग लोगों को ज्यादा नुकसान नहीं होता है और उन्हें लेकर ज्यादा चिंता की बात नहीं होती है। हालाँकि यह बात जरूर है कि कोरोना के लगातार वायरस म्यूटेट और भविष्य में कई खतरनाक रूप भी सामने आ सकते हैं। इससे बचने के लिए मूवीज़ का पालन करना होगा।
एक बार फिर सामने आया खतरनाक रूप?
डॉक्टर्स की राय आने वाले में कई सारे कोरोना के कई नए रूप आ सकते हैं, जिनमें कुछ खतरनाक भी हो सकते हैं। यह कहना मुश्किल है कि कोरोना के नए अलग-अलग खतरनाक होंगे और लोगों पर उनका कितना असर होगा। इतना जरूर कहा जा सकता है कि कोरोना के साथ लोगों को जीना होगा और इससे बचने के लिए भी समय-समय पर जरूरी कदम उठाना होगा। सीओवीआईडी के जेएन.1 से अलग-अलग तरह से बचाव की जरूरत है, क्योंकि जिन लोगों में कोमोरबिडिटी होती है, उनके लिए यह अलग-अलग तरह से भी खतरनाक हो सकता है।
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पहले प्रकाशित : 27 दिसंबर, 2023, 12:32 IST
