Homeछत्तीसगढ़प्रदोष व्रत: 2024 का पहला प्रदोष व्रत कब? बने रहें अत्यंत...

प्रदोष व्रत: 2024 का पहला प्रदोष व्रत कब? बने रहें अत्यंत शुभ संयोग, भोलेनाथ को ऐसे करें आकर्षक


रामकुमार नायक, रायपुर: सनातन धर्म में भगवान शिव को बहुत दयालु और दयालु कहा जाता है। कहते हैं कि भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि भगवान शिव के प्रिय व्रत हैं। मान्यता है कि जो भक्त भोलेशंकर के ये व्रत रखते हैं, भगवान उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसके बाद अत्यंत शुभ संयोग यह है कि प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का व्रत एक ही दिन पड़ रहा है। इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जाती है

भौम प्रदोष को लेकर राजधानी रायपुर के ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि वर्ष में दो पक्ष होते हैं दोनों पक्षों में एक- एक प्रदोष व्रत है। एकादशी के ठीक तीसरे दिन अर्थात त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह प्रदोष व्रत सायंकाल बेला है। यदि किसी दिन द्वादशी तिथि लग जाती है तो उसी दिन प्रदोष व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ का व्रत है। प्रदोष काल में प्रदोष व्रत के दिन यदि उनकी पूजा और अभिषेक किया जाए तो भगवान भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं।

ये काम जरूर करें
पंडित मनोज शुक्ला ने आगे कहा कि शास्त्रों में बताया गया है कि प्रदोष काल के दौरान भगवान भोलेनाथ की पूजा होती है। इस समय में अभिषेक पूजन अभिषेक करना चाहिए। हालाँकि सूर्यदेव के पहले 45 मिनट और 45 बाद का समय प्रदोष व्रत का है। वैज्ञानिक ऋषि मुनियों ने इस समय को पूजन काल बताया है। ताकि इस समय घर के लोगों को डीसीए के दरवाजे पर दिखाया जा सके। इससे भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।

पूजा करने के फायदे
साल 2024 का पहला प्रदोष व्रत भौम प्रदोष व्रत 9 जनवरी को। इस बार इस दिन अत्यंत शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन मासिक शिवरात्रि भी पड़ रही है, त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी तिथि दोनों ही तिथियों में भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। इसलिए इस दिन पूजा करना अतिपिछड़ा है।

पहले BPSC टीचर…फिर पहले प्रयास में ही बिहार सचिवालय में बने ऑफिसर, पढ़ें रिया की कहानी

यदि इस दिन सायंकालीन में व्रत रखे जाएं और अभिषेक किया जाए तो अवश्य करना चाहिए। अन्यथा दीप कलश कर भगवान भोलेनाथ का साक्षात् मन अवश्य रखें ऐसे में भगवान भोलेनाथ का मन अवश्य पूर्ण करें।

टैग: धर्म आस्था, स्थानीय18, भगवान शिव, धर्म 18



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read

spot_img