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दोस्त की गर्लफ्रेंड से जलेंगे तो होगा आपका नुकसान, साइकोलॉजिकल टिप्स से मिटेगी कुंठा, मिलेगी मजबूत पहचान


उत्तर

जो भी चीजें हैं, वह हमारे पास भी हो, यह भावना इंसान को कुंठा से प्रभावित कर देती है।
खुद से मुहब्बत करना के प्रति इच्छा को खत्म करना।

ईर्ष्यालु स्वभाव से कैसे निपटें: एक-दूसरे के गुण, दोष और लक्षण पर स्केल या चर्चा करना आम बात है लेकिन जब अपने दोस्तों के दर्द से जलन होती है तो यह एक कुंठित मानसिक प्रवृत्ति है। इस दौर में बेकार स्कूल, कॉलेज हो या वर्कशॉप, लोग हर समय अपने दोस्तों से बेहतर करना चाहते हैं। जब रिकॉर्ड्स जारी नहीं हुए तो यह धीरे-धीरे धीरे-धीरे होने वाली जलन या दर्द के रूप में सामने आता दिख रहा है। जब लोगों के अंदर जलन की प्रवृत्ति बढ़ती है तब सुरक्षा, सुरक्षा और संदेह की आवश्यकताएं भी बढ़ती हैं। अक्सर लोगों के मन में ये चीजें घर कर जाती हैं कि सामने वाले दोस्त में मेरी प्रतिभा कम होती है, फिर भी वो मेरी ताकत को बढ़ाता है। धीरे-धीरे उनके बारे में विचार की प्रवृत्ति इतनी बढ़ जाती है कि वह कुंठाग्रस्त होने लगती है और जलन की यह भावना व्यक्ति के दृष्टिकोण के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है।

फोर्टिस हॉस्पिटल, नई दिल्ली मेंटल हेल्थ एंड विहेवियरल साइंसेज एसोसिएशन डॉ. समीर पारिख कहते हैं यह एक आदर्श प्रवृत्ति है जो हर जगह और हर तरह के लोगों में होती है। उन्होंने कहा कि लोगों के मन में अक्सर यह भावना बनी रहती है कि जो वस्तु किसी के पास होती है, वह पास नहीं होती। जैसे स्कूल में बच्चों में मार्क्स को लेकर यह भावना बनी रहती है। सोशल मीडिया पर लोगों को दूसरे के फॉलोअर्स देखकर भूख या जलन लगती है। अगर किसी के पास महंगा मोबाइल फोन है, तो उसे लेने से भी जलन होती है। वर्कशॉप प्लेस पर यह कुछ ज्यादा ही हो सकता है। इसका कारण यह है कि कार्यशाला स्थल पर ऊपरी पहुंच की संख्या बहुत सीमित है। जाहिर तौर पर ही कुछ ही लोग प्रोमोट को आगे बढ़ाएंगे। ऐसे में वहां तक ​​आराम नहीं पहुंच पाएगा। इनमें से वहां के लोगों में जलन की प्रवृत्ति अधिक हो सकती है। इन भावनाओं को ख़त्म करने के लिए बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है।

मस्तिष्क से उपचार के प्रति जलन को दूर करें

1. खुद से प्यार-डॉ. समीर पारिख का कहना है कि वर्कप्लेस पर कर्मचारियों से जलन हो रही है तो खुद से ज्यादा प्यार करो। खुद में खोये रहो. खुद को खुश रखने की कोशिश करें. अपने में रहो. आत्म प्रेम पर ध्यान केन्द्रित रहेगा तो जलन की भावना कम होगी। अगर जलन या प्यास की भावना कम नहीं हो रही है तो मनोविश्लेषक से सलाह लें।

2. अपना आकलन-यह बात अटल सत्य है कि कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं है। हर किसी से गलतियाँ होती हैं। लेकिन इन उदाहरणों को पहचानें और आत्म आकलन करें। सहज और विश्वसनीयता से यदि अपनी ग़लतियाँ पहचानेंगे और पीछे मुड़कर देखेंगे तो निश्चित रूप से अपनी पहचान से सीखेंगे।

3. अपनी क्षमता को पहचानें-आप बहुत कुछ कर सकते हैं. आपमें अत्यंत क्षमता है. यह भावना हमेशा अपने मन में रखें. हमेशा अपनी संपत्तियों को परखें और उसपर भरोसेमंद बने रहें। सकारात्मक सोच आपको निश्चित रूप से आगे बढ़ाएगी। लेकिन इसके लिए दूसरे के जीवन में टंकी-झांक न करें। केवल और केवल अपनी बिक्री पर ध्यान केंद्रित करें।

4. लक्ष्य निर्धारित करें-लैपटॉप के बारे में तर्क के बजाय अपना लक्ष्य निर्धारित करें। आपको जो पाना है उस पर फोकस करें। इसके लिए बेहतर रणनीति की जरूरत है। आप खुद पर भरोसा रखें. अपने पुराने को सुधारें और लक्ष्य पर पूरा ध्यान केंद्रित करें।

5. अपनी बिक्री देखें- हर इंसान को अपने खाते से दस्तावेज़ मिलते हैं। किसी के जीवन में पहले ही सब कुछ मिल जाता है तो किसी के जीवन में बाद में। इसलिए इन बातों की चिंता ही नहीं करें. आप सिर्फ अपनी बिक्री देखें. किसी अन्य से तुलना विवरण न करें. तुलना करने से अपना ही नुकसान होगा. आप ये सब रुक जाएं और बहुत पीछे हो जाएं। इसलिए यह देखें कि आपकी बिक्री में क्या-क्या नहीं हुआ है और आप क्या पाना चाहते हैं।

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