
इस देश में गैंगवार के हमले में मारे गए लोगों की मौत
री लंका समाचार: भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में 21 अप्रैल 2019 को एक के बाद एक आत्मघात बम विस्फोट हुआ था। इस धमाके में 275 के करीबी लोग मारे गए थे। इसका केंद्र तो कोलकता था, लेकिन देश के कई इलाक़ों में जब बबूल की गई तो लूट लिया गया। यह चरमपंथी हमला था, जिसमें करीब 500 लोग घायल भी हुए थे। ये भारतीय और अन्य विदेशी नागरिक भी थे। अब हमलों की पांचवी रैली बंद होने पर श्रीलंका के कैथोलिक चर्च ने एक बड़ा ऐलान किया है। इसके तहत यह घोषणा की गई कि विस्फोट में जो लोग मारे गए, उन्हें संत का दर्जा दिया जाएगा।
ईसाई धर्म कहने की क्या प्रक्रिया है?
ईसाई धर्म में रोमन कैथोलिक चर्च ये तय करता है कि किसे संत की डिग्री दी जाए और किसे नहीं। उसका भी बा क़ानून एक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में वैरिफाई किया गया है। अब तक चर्च ने करीब 10 हजार लोगों को संत माना है।
कौन कहलाए जाते हैं संत?
कैथोलिक धर्म की बात करें तो संत वे हैं, जो रोगी की बड़ी बीमारी जादुई तरीकों से ठीक कर दे या दूसरा चमत्कार कर दे। ऐसा माना जाता है कि ऐसे संत की मृत्यु के बाद कथित तौर पर स्वर्ग जाने की बात कही गई है।
क्या होता है अगर किसी संत का प्रवेश द्वार पा जाये
ईसाई धर्म में इस प्रक्रिया को कैननजेशन कहा जाता है। यानी कि मृत्यु के बाद चमत्कारिक या पवित्र व्यक्ति को संत का दर्जा देना। कैनेजन के बाद संत का नाम पुस्तक में शामिल किया जाता है और सभाओं में भी बोला जाता है।
