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मेटाबोलिज्म क्या होता है, एनर्जी कैसे बनती है, एनर्जी कैसी होती है, एनर्जी बनी रहती है इसके लिए जरूरी क्यों है, जान लें सारी बातें


मेटाबॉलिज्म कैसे बढ़ाएं: अक्सर लोगों ने सुना होगा कि शरीर में मेटाबोलिज्म स्लो है। इसका सीधा मतलब है कि भोजन का पाचन सही से नहीं हो रहा है। हालाँकि यह पाचन का संबंध भोजन से समाप्त हो जाता है लेकिन मेटाबोलिज्म केवल भोजन का पाचन नहीं होता है बल्कि इसके बाद की रासायनिक प्रक्रिया होती है। मेटाबॉलिज्म शरीर में ऐसी रासायनिक प्रक्रिया होती है जिसमें भोजन से आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित कर इसे ऊर्जा में बदला जाता है। यानी जब भोजन में पचकर प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट कार्बोहाइड्रेट, फैट और मिनिरल मिलते हैं तो इन नीहारों को ऊर्जा में संग्रहीत करने से शरीर में ऊर्जा को अलग-अलग मात्रा में ले जाया जाता है।

हमें भी कोई काम करना है तो ऊर्जा की जरूरत है। अगर हमें कमजोरी या थकान महसूस होती है तो इसका मतलब यह है कि हमारे शरीर में मेटाबोलिज्म सही से नहीं हुआ है, जिसका कारण ऊर्जा की कमी है। इस तरह अगर मेटाबॉलिज्म सभी तरह के लिए जरूरी है। इससे हर अंग काम करता है. लेकिन यहां सवाल यह है कि मेटाबोलिज्म को स्केल कैसे किया जाए। इसके लिए हम यहां फॉर्मूले बता रहे हैं.

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मेटाबॉलिज्म को कैसे बदलें

  • 1.वस्तु-आपके भोजन को ही तोल कर इसे ही ऊर्जा में बदल दिया जाएगा। इसलिए घटक लें. आपके उत्पाद में प्रोटीन आधारित घटक अधिक मात्रा में शामिल होते हैं। इसके लिए साबुत अनाज, समुद्री फल, मछली, अंडा, नट, बीज आदि का सेवन करें। अगर आप बहुत कम खाना खाएंगे तो आपका मेटाबोलिज्म स्लो हो जाएगा और जरूरी मिनिरल्स को भी सपोर्ट नहीं मिलेगा।
  • 2. नाश्ता लेना न भूलें-दिन भर तरोताजा रहने के लिए सुबह में नाश्ता न लें। साबुत अनाज का उपयोग करें। इसमें आप चना, अनाज, मूंग आदि का भीगाकर सेवन करें। वहीं भीगा हुआ सीड्स और बादाम भी बहुत अद्भुत साबित होंगे। अगर सुबह ब्रेकफास्ट नहीं करेंगे तो मेटोबोलिज्म स्लो हो जाएगा।
  • 3. मिनिरल्स रिच इनवेस्टमेंट लें-कुछ मिनिरलों के लिए मेटाबोलिज्म को सही ढंग से बनाए रखना बेहद जरूरी है। जैसे आयरन और सेलेनियम का विशेष महत्व है। यह तो दो अलग-अलग मिनिरल्स हैं लेकिन यह डैन्स ड्रग ग्लैंड से हार्मोन रिलीज करने में मदद करता है। अगर ऑर्केस्ट्रा हार्मोन कम रिलीज हो तो मेटाबोलिज्म स्लो हो जाता है। इसलिए शरीर में आयरन और सेलेनियम कभी कम नहीं होना चाहिए। इसके लिए फलीदार फैक्ट्री, सीफूड, सीडीएस, बादाम आदि को शामिल करना चाहिए।
  • 4. काली मिर्च-सुनने में थोड़ा अजीब लगता है कि मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में काली मिर्च का क्या काम होता है लेकिन काली मिर्च में कैप्साइसिन केमिकल पाया जाता है जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है। यह काली मिर्च को जलाने में भी मदद करता है। यानि कि पेपर वेट लॉस में भी मदद कर सकते हैं। कुछ आतिशबाजी में रोज़ 6 से 10 सस्ते मिर्च खाने के फायदे बताए गए हैं।
  • 5. फ़ुटबॉल-कॉफ़ी में कैफीन नाम का रसायन पाया जाता है जो मेटाबॉलिक रेट को गिना जाता है। एक अध्ययन के अनुसार कैफीन लिपिड यानी फैट के मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने में मदद करता है।

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