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रामबाण के लिए कार्यकर्ताओं के पास हैं ये तीन बूटियां, एक महीने में ही होगा कंट्रोल


शिखा श्रेया/रांची. आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में मजदूरों की एक आम बीमारी बन गई है।आज भारत को मजदूरों की राजधानी भी कहा जाने लगा है। इसका सबसे मुख्य कारण है ख़राब रिश्ते और तनाव। जिस कारण युवा भी इस गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। लेकिन औषधि में ऐसे कुछ नुस्खे हैं जिनके उपयोग से सीरस को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

झारखंड की राजधानी रांची के कद्रू मैदान में हस्टशिल्प मॉल में आयुर्वेदिक स्टॉल लगा है। जहां पर दवाइयों के लिए आयुर्वेदिक उपचार अनचाहे जा रहे हैं। लोकल 18 को हमारे पास के फार्मासिस्टों के लिए कुछ आयुर्वेदिक औषधियां बताई गई हैं। इसके उपयोग से 1 महीने के भीतर ही राजकोषीय नियंत्रण हो जाएगा। यह बूटी हम हिमालय से लाए हैं और इसका आधा हिस्सा सुबह-शाम सेवन करने से ही लोगों को अजीब नजरें मिलाते हैं।

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ये हैं आयुर्वेदिक औषधियां

हमारे पास 3 तरह के जड़ी-बूटियाँ हैं जिनमें पनीर के फूल, गिलोय और चिरायता शामिल हैं। इस मसाले को धूप में सुखाकर इसका चूर्ण बनाया जाता है। सुबह-शाम हाफ मैक्सिमा गर्म पानी में नासाकर स्ट्रान्ट है। एक महीने में ही अगर किसी का शुगर 500 है तो वह 200 तक आ जाएगा। साथ ही इस चूरन के साथ किसी अन्य मसाले का सेवन न करें। इससे चूरन का असर कम हो सकता है।

रोनक के चित्र राँची के आसपास के जिलों जैसे गोड्डा, गढ़वा, बोकारो से भी लोग यह चूरन को ले जाते हैं और उन पर काफी सकारात्मक दृश्य देखने को मिलता है। हमारे कई रिपीट कस्टमर भी हैं। साथ ही इस चूरन का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है।

क्या कहते हैं डॉक्टर

केरला आयुर्वेदिक सेंटर के आयुर्वेदिक चिकित्सक प्रेम ने बताया कि गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और पनीर के फूल पैंक्रियाज की बीटा सेल का सही तरीके से सेवन और इंसुलिन का बेहतर उपयोग करने में सहायक होते हैं और चिरायता में भी इसी तरह के गुण मौजूद होते हैं है.तो यह त्रि का उपयोग करना शुगर के लिए लाभकारी साबित होता है.

व्यायाम और व्यायाम बहुत जरूरी है

उन्होंने आगे बताया कि किसी भी व्यक्ति को आयुर्वेदिक औषधि लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। साथ ही शुगर के रोगी को हर दिन एक घंटा यात्रा करनी चाहिए। जरूरी है. वस्तु और घटक के बिना केवल दवा या आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी खाने से कोई लाभ नहीं होगा।

अगर आप भी हैस्टशिल्प मेले में आना चाहते हैं और इन हेयर ब्यूटी के बारे में अधिक जानकारी लेना चाहते हैं या फिर इसे ठीक करने का मन बना रहे हैं तो इस नंबर 7869578072 पर संपर्क कर सकते हैं। आप इस Google मार्केटिंग से इस मेले तक आ सकते हैं, यह मेला 25 अगस्त तक जारी रहेगा। https://maps.app.goo.gl/j6f8oKRUgCJxMWCW8

टैग: स्वास्थ्य समाचार, झारखंड समाचार, स्थानीय18



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