ओपीपी/सोपानकोरबा. कच्चे की पाइप, हार्पिक के टुकड़े और ड्रिप की बोतल से बने जूमर को देखकर किसी को भी समझ नहीं आ रहा है कि ये अद्भुत आभूषण आभूषण से बने हैं। इनमें अनोखे आभूषणों के द्वारा, प्लास्टिक से बने फूलों के गुलदस्ते और कपड़ों की चटनी भी शामिल है, लोगों को अपनी ओर से आकर्षित करने में कोई मोटा नहीं हो रहा है।
शहर के स्लाॅम साॅल सेंटर में स्वाधीनता किडम ने समय श्रमिक स्टॉक एक्सचेंज से भी सामान रखने का काम शुरू किया है। वर्तमान में 19 केंद्रों में से 10 केंद्रों में बोतल और प्लास्टिक जैसे वेस्ट मैटेरियल्स का पुनः आरंभ किया जा रहा है, और महिलाओं से न केवल अतिरिक्त आय का पैसा लिया जा रहा है, बल्कि उन्होंने घर में अनुपयोगी सामान का दरवाजा भी तोड़ दिया है, समय-समय पर स्वच्छता दीदियां प्लास्टिक के साथ ही कपड़े से बने ‘खिलौने’ और ‘कुर्सियां’ भी उपलब्ध हैं।
निगम की ओर से महिलाओं के लिए यह पहल भी जारी है। प्लास्टिक के निजीकरण के लिए एक खतरनाक समस्या भी है, जिसके समाधान के रूप में इस शुरूआती दौर में कोचिंग वाले ड्रिप का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, वेस्ट मैटेरियल से चाटाई भी बनाई जा रही है। इस क्षेत्र में इस पहल की डिजाइन भी बढ़ रही है, और दीवारों को डेकोरेशन के लिए प्लास्टिक से बने आकर्षक चित्रों की भी मांग हो रही है।
कचरा गुणवत्ता में 688स्वतंत्रता संस्थान कर रही काम
नगर निगम के 67 वार्डों में 19 स्लैम रेलवे सेंटर स्थित हैं, जहां 688 स्वच्छता मित्र काम कर रहे हैं। डोर टू डोर गैंग अपार्टमेट के बाद, इन सेंटरों में कचरे को रखा जाता है, और यहां पर बच्चों और बच्चों को अलग-अलग टुकड़ों में बांट दिया जाता है। इन सेंटरों में महिलाएं अलग-अलग काम करती हैं, जो स्वतंत्रता से जुड़े कार्य संचालित करती हैं।
चयन का प्रयास होगा
निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय तिवारी ने बताया कि महिलाओं को पद से हटाने और आगे की स्थिति में महिलाओं को चुनने का प्रयास किया जा रहा है।
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पहले प्रकाशित : 16 अगस्त, 2023, 17:36 IST
