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आज यानी 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जा रहा है।
इस दिन को शपथ का उद्देश्य मछुआरे के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है।
विश्व मच्छर दिवस 2023: आज यानी 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को हुक्म का उद्देश्य मच्छर (मच्छर) के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है। असली, मलेरिया, जीका, चिकनगुनिया, वायरस वायरस, वेस्ट नेल रिवर वायरस, येलो फीवर और भी न जाने कितने जादुई मच्छरों की ही मांद हैं। अमेरिका में हर साल लाखों लोगों की जान मच्छरों के पैदा होने के कारण बर्बाद हो जाती है। इस दिन सर रोनाल्ड रॉस की वह खोज भी समर्पित है, जिसमें उन्होंने मच्छरों को मलेरियल परावर्तन से जोड़ा था। वैसे तो यह दिन हर साल एक थीम पर मनाया जाता है, लेकिन साल 2023 की थीम तय नहीं की गई है।
बिहार, बारिश के मौसम में मच्छर जनित खतरे का खतरा बढ़ जाता है। इसमें परिवर्तन, चिकनगुनिया, मलेरिया रोग प्रमुख रूप से होते हैं। यह जरूरी है कि हम अपने और परिवार की सेहत के लिए कुछ आसान और उपयोगी कदम उठाएं। ऐसे में आपके लिए जरूरी सावधानियों को ठीक करने के अलावा हम कुछ घरेलू उपाय (Home Remedies) करके भी खुद को बचा सकते हैं. आइये जानते हैं मच्छरों से बचने के घरेलू उपाय।
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मलेरिया: मादा एनोफेलिज मच्छर के काटने से होने वाली मलेरिया की बीमारी है। इस रोग में व्यक्ति के शरीर में लाल रक्त कण (RBC) का संक्रमण हो जाता है और समाप्त हो जाता है। मरीजों को सिरदर्द और सिरदर्द के साथ ही बार-बार कभी कम तो कभी ज्यादा बुखार आता है। गंभीर मामलों में बीमार व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है, यहां तक कि उसकी मृत्यु भी हो सकती है.
पीला बुखार: यह एक विशेष प्रकार का मच्छर से वाइरल इंफेक्शन है। पीलिया बुखार में रोगी के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डियों में सूजन आ जाती है। कम गंभीर मामलों में सिरदर्द, जी मिचलाना, बुखार और उल्टी जैसे लक्षण होते हैं। गंभीर मामलों में दिल, लिवर और किडनी से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं।
चिकनगुनिया: मच्छरों से मच्छरों वाली यह एक आम, लेकिन जानलेवा बीमारी है। इस बीमारी में मरीज को बुखार, चकत्ते और जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है। संक्रमण ठीक हो जाने के बाद भी इसके लक्षण लंबे समय तक रहते हैं और मरीज के शरीर को खराब कर देते हैं। इससे उसे फिर से चलाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मरीज़ को पूरी तरह से आराम की ज़रूरत है।
जीका वायरस: मच्छरों के काटने से मच्छरों वाली यह बेहद जानलेवा बीमारी है। बुखार, लाल चकत्ते, जोड़ों और मासपेशियों में दर्द की शिकायत रहती है। इसके अन्य औषधियों में सिरदर्द, कंजेक्टिवाइटिस और दवाएं भी शामिल हैं। अगर किसी गर्भवती महिला को यह बीमारी होती है तो उसके बच्चे का दिमाग छोटा हो सकता है।
वर्गीकरण: प्रोटोटाइप वायरस से गैजेट मच्छर के कटर से यह बीमारी फैलती है। इस बीमारी में रोगी को बुखार, चकत्ते, जोड़ों और मास पेशियों में गंभीर दर्द जैसे लक्षण अनुभव होते हैं। इस बीमारी के दौरान मरीज को आराम की जरूरत होती है और इसके कारण पूरे महीने तक उसे फिर से दर्द का अनुभव होता है।
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नारियल का तेल-नीम की पत्तियां: मच्छरों से बचने के लिए आप नारियल का तेल और नीम की मछली का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप एक कटोरी में 5 से 6 चम-माच कोकोनट तेल लें और नीम के टुकड़ों को पिसकर एक चम-माच उसका रस डालें। आप चाहें तो इसमें नीम तेल का उपयोग भी कर सकते हैं। इस मिश्रण को अब अपने पूरे शरीर पर लगाएं। कई घंटों तक मॅचेलेचर आपसे दूर रहेंगे।
पैन तेल: मॅचैल्डरों से उपकरण प्राप्त करने के लिए आप पॉटीन का भी उपयोग कर सकते हैं। असल में, इसमें कुछ कंपाउंड पाए जाते हैं, जो मच्छर के काटने वाले को अचयनित करते हैं। इसके लिए आप 10-15 चम-मच पानी में 1 चम-मच पैन का तेल लें और इसे एक बोतल में रख दें। आप अपने हाथ पैर आदि पर इसे पहनें तो मछलियाँ आपसे दूर रहेंगी।
लहसुन का अर्थ: मच्छरों को भगाने के लिए आप लहसुन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। असलहा, लहसुन में एलिसिन त सिद्धांत होता है, जो मच्छरों को भागने में मदद कर सकता है। इसका उपयोग करने के लिए 5-6 लहसुन की कलियों को 1 नमक के तेल में मिला लें और रात भर के लिए रख दें। सुबह 1 बड़े पैमाने पर नींबू का रस और 2 कप पानी की बोतलें। इसे आप स्प्रेयर बोतल में और उसके आसपास स्प्रेड लें।
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बेस्ट सोडा-सिरका: मच्छरों के आतंक से बचने के लिए आप सोडा और सिरका का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप एक कप सिरका में एक चौथाइ सोडा स्टॉक और इसे अपने कमरे या आस-पास के कमरे में प्री-बोतल में पैक कर सकते हैं। बता दें कि, इन दोनों को मिलाने से कार्बन डाइऑक्साइड का मिश्रण है, जो मॅचेड्रॉन को भगने में काफी पसंद है।
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मच्छरों के काटने पर सावधानी जरूरी
- मच्छर काटने की जगह पर खुजली करने से बचाया जाता है। ऐसा करने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
- अगर आप मच्छर काट लें तो उस जगह को साबुन और पानी से अच्छे तरह से धो लें।
- खुजली, लाली और सूजन से बचने के लिए कोमस्कैटी की जगह पर कैलामाइन लोशन लगाएं लें।
- यदि सूजन-दर्द अधिक है तो प्रभावित जगह पर आइसपैक फर्नीचर या ठंडे पानी से नहाएं।
- मच्छर के काटने के बाद खुजली ठीक न हो तो एंटीहिस्टामिन दवा का सेवन कर सकते हैं।
- टी-बैग को ठंडे पानी में डुबोएं और 10-15 मिनट तक की जगह पर चित्रांकन करके प्रभावित करें।
- ताजा एलेरा जेल लेकर प्रभावित जगह पर दाग, इससे खुजली और जलन से राहत मिलती है।
(अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी और शर्तें सामान्य विशेषज्ञों पर आधारित हैं। हिंदी समाचार 18 उपयोगकर्ता पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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पहले प्रकाशित : 20 अगस्त, 2023, 06:40 IST
