हड्डी का स्वास्थ्य: शामिल किए गए उद्यमों में तेजी से आकलन किया जा रहा है। इससे जुड़े संबंधित ऐसे रोग हैं, जिनमें ज्यादातर लोग अनदेखे कर देते हैं। शरीर के अंगों से कट-कैट की आवाज इनमें से एक है। जी हां, हड्डियों से इस तरह की आवाज आना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। कभी-कभी इसकी शिकंजे में उम्रदराज़ लोग आते थे, लेकिन आजकल ये कम उम्र के लोग भी देख रहे हैं। आवाज में मजबूत चट्टानें और ज्वाइंट्स का कोई संकेत नहीं है, बल्कि कई और भी ये चट्टानें बन सकती हैं। इसलिए समय रहते इस पर ध्यान देना जरूरी है।
मान्यता है कि जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, जोड़ों में इस तरह की आवाज बढ़ती है। क्योंकि, उम्र बढ़ने से जोड़ों के कुछ कार्टिलेज खराब हो जाते हैं। कई बार इस तरह की आवाज़ में दर्द या सूजन के साथ होते हैं, या चोट और चोट के बाद होते हैं। इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह अत्यंत आवश्यक है, जिससे बीमारी का पता लगाया जा सके। अब सवाल है कि आखिर जोड़ों से कट-कट की आवाज क्यों आती है? किन बीमारियों का संकेत और बचाव कैसे करें? इन दस्तावेज़ों को विस्तार से बताएं रहे हैं नेशनल मेडिकल कॉलेज कैन्यन से आर्थोपेडिक सर्जन प्रो. (डॉ.)सीपी पाल-
ट्रैक्टर से कट-कैट की आवाज आने की खास वजह
ऑस्टियोआर्थराइटिस: डॉ. सीपी पाल कहते हैं कि, ऑस्टियोआर्थराइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें जोड़ों के बीच में जोड़ों का दर्द होता है, दूसरे से घर खा कर घिसने लगता है। इस समस्या के कारण जोड़ों के बीच सूजन बढ़ जाती है और फिर जोड़ों के मुड़ने में समस्या होने लगती है। इसके अलावा आप जोड़ों के बीच के सिद्धांतों की कमी को भी समझ सकते हैं क्योंकि आपके जोड़ों से कट-कैट की आवाज आती है।
रनर्स नी: सिद्धांतों के अनुसार, रनर्स नी या पेटेलोफेमोरल पेन सिंड्रोम, हड्डियों से भी कट-कैट की आवाज का कारण हो सकता है। यह तब हो सकता है जब आप अचानक अपनी गतिविधि के स्तर में वृद्धि करते हैं या बहुत अधिक सक्रिय रहते हैं जिसमें दौड़ना, साइकिल चलाना या कूदना शामिल है। कई बार इन पीएफएस पुरुषों की तुलना महिलाओं में अधिक देखी जाती है।
हड्डियों से आने वाली आवाज से ऐसे करें आरक्षण
अगर आपकी हड्डियों से कट-कैट की आवाज आ रही है तो आपकी कुछ आदतें भी जिम्मेदार हो सकती हैं। इन गलत योजनाओं को सुधार कर आप इस परेशानी से बच सकते हैं। इन प्रयोगों में कैफीन या किसी जोड़ को चटकाने भी शामिल है। इसके अलावा, नियमित गेमप्ले एक्टिविटी अपनी सोसाइटी में शामिल हों। हालाँकि, यात्रा के लिए बीच-बीच में ब्रेक लेना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, यदि आप पूरे दिन के लिए आउटलेट पर हैं तो कम से कम हर घंटे में रीचेंज का लक्ष्य रखें। इससे बचने के लिए आप स्क्रीनशॉट भी ले सकते हैं। ऐसा करने से आपके जोड़ों को फिटिंग करने में मदद मिल सकती है।
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लाइफस्टाइल और आर्किटेक्चर में बदलाव जरूरी
डॉ. सीपी पाल्स अटेच्ट्स की, इनहेल्डी लाइफस्टाइल और एंजल्स की कमी का मुख्य कारण है। कम उम्र के लोग भी इससे प्रभावित होते जा रहे हैं। यदि आप इस परेशानी से बचना चाहते हैं तो आपको अपने लाइसेंस में बदलाव जरूर करना चाहिए। इसके लिए काजू, बादाम, मूंगफली जैसे ग्लूकोस के साथ अलसी के बीज और मछली का सेवन अधिक स्वादिष्ट हो सकता है। इसके अलावा, प्रतिदिन 1 घी को इसमें शामिल किया जाता है। ऐसा करने से चट्टानों के बीच होने वाले पत्थरों को कम करने में मदद मिलती है।
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पहले प्रकाशित : 3 मार्च 2024, 12:15 IST
